– प्रदेश की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने मुरथल विश्वविद्यालय में जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण और कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित
– सरकार ने शिक्षा को रोजगारपरक बनाकर युवाओं का भविष्य उज्जवल किया है: शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा
– नागरिकों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का किया आह्वान
हरियाणा की शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने कहा कि जिन सरकारी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में संकोच करते थे, आज उन स्कूलों के बच्चे आईआईटी में प्रवेश पा रहे हैं। यह अभिभावकों के सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़े विश्वास का परिणाम है। उन्होंने कहा कि वे सभी मूलभूत सुविधाएं सरकारी स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है जो निजी स्कूलों में मिलती हैं। शिक्षा मंत्री श्रीमती त्रिखा शनिवार को दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल सोनीपत में जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण सह सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान प्रदेश में अध्यापकों को टैब मुहैया कराने वाला हरियाणा पहला राज्य है। आज प्रदेश में बच्चे आधुनिक श्क्षिा के साथ जुडकऱ अपना भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं। प्रदेश में राज्य सरकार की सुलभ नितियों के कारण लोगों को सस्ता इलाज मुहैया कराया जा रहा है। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना व राज्य की चिरायु योजना का लाखों लोगों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वे 11 दिन में 22 जिलों को कवर करेंगी व अभिभावकों को शिक्षा के प्रति इन कार्यक्रमों में जागरूक करेंगी। उन्होंने कई अभिावकों से शिक्षा के क्षेत्र को और कैसे अच्छा बना सकते हैं, के सुझाव मांगे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य युवाओं का भविष्य उज्जवल बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामथ्र्य और जवाबदेही के पांच आधार स्तंभों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। सरकार ने शिक्षा को रोजगारपरक बनाकर युवाओं का भविष्य उज्जवल बनाने का कार्य किया है। आज युवाओं में मेहनत करने के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
समारोह में जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 100 से अधिक है, उन स्कूलों के एसएलसी के पदाधिकारी की विशेष भागीदारी रही। शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने सर्वप्रथम प्रदर्शनी का उद्घाटन कर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। शिक्षा मंत्री श्रीमती त्रिखा ने अपने संबोधन में कहा कि समग्र शिक्षा नीति में विद्यालय में सभी मूलभूत सुविधाएं, शैक्षणिक सहायक गतिविधियों को शामिल किया गया है।
इसमें मुख्य रूप से कौशल रोजगार प्रशिक्षण और वोकेशनल एजुकेशन को स्कूलों में लागू किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने प्रबंधन समितियों के प्रधान और अन्य पदाधिकारियों से सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने जिला के विभिन्न स्कूलों में शिक्षा, खेल और समग्र शिक्षा नीति तथा प्रदर्शनी में बेहतर उपलब्धि करने वाले विद्यार्थियों, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अध्यापकों को प्रशंसा पत्र और शील्ड एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जिला के सभी खंडों से हिंदी विषय में भाषा, व्याकरण से संबंधित शिक्षण अधिगम सामग्री और गणित विषय से संबंधित संख्यात्मक ज्ञान, आरोही व अवरोही क्रम, वजन, तोल आदि से संबंधित सामग्री प्रदर्शित की गई। शिक्षा मंत्री ने सभी नागरिकों से पर्यावरण के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का आह्वान किया और कहा कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहीम में अपना योगदान दें और पौधे लगाएं। उन्होंने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ सीधा संवाद भी किया। जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने जिला में शिक्षा विभाग का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने कार्यक्रम के लिए बधाई देते हुए कहा कि आज जि़ला में एसएससी के सहयोग से कई स्कूलों की तस्वीर बदली है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी खुद की पूरी शिक्षा सरकारी स्कूल की है। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष जसवीर दोदवा, एसडीएम सोनीपत अमित कुमार सहित शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।