Front News Today: फरीदाबाद,25 फरवरी। हरियाणा महिला आयोग की चैयरमैन रेनू भाटिया 26 फरवरी शनिवार को सुबह 10:00 बजे वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण करेंगी।
आपको बता दें नागरिक अस्पताल बीके में स्थित वन स्टॉप सेंटर जिला मे उपायुक्त जितेन्द्र यादव के निर्देशन मे महिला एंव बाल विकास विभाग के द्वारा पीड़ित महिलाओं को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। इन सुविधाओं में पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता, कानूनी परामर्श, मनोसामाजिक परामर्श तथा अस्थाई आश्रय की सुविधाएं एक स्थान पर उपलब्ध कराने के उदेश्य से वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है।
वन स्टाँप सेन्टर की ईन्चार्ज मीनू यादव ने बताया कि पीड़ित महिलाएं केन्द्र मे शिकायत महिला हेल्पलाइन 181, 0129-2421006 के माध्यम से दर्ज करा सकती है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के जरिए नागरिक अस्पताल बीके में वन स्टॉप सेंटर पिछले करीब पौने दो वर्ष पहले स्थापित किया गया था। वैसे सरकार द्वारा वन स्टाँप सैंटर वर्ष 2016 में शुरू किया गया था।
सखी नाम से विख्यात वन स्टॉप सेंटर के द्वारा किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है। वन स्टॉप सेंटर के द्वारा घरेलु हिंसा, बलात्कार से पीडित, महिला तस्करी,बाल यौन शोषण, बाल विवाह, दहेज़ उत्पीड़न, एसिड अटैक, गुमशुदा सहित अन्य प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को क़ानूनी परामर्श, क़ानूनी सहायता, मेडीकल सहायता, पुलिस सहायता, मनोचिकित्सक सामाजिक सरोकार की परामर्स दी जाती है। वन स्टाँप सेंटर में 5 दिनों तक अस्थाई आश्रय देकर ये सभी प्रकार की सहायता एक ही छत के नीचें प्रदान की जाती है। जिला में यह सेंटर महिलाओं के लिए काफी लाभकारी साबित हो रहा है। यह वन स्टाँप सेंटर महिलाओ के लिए बहुत बड़ा स्पोर्ट सिस्टम है। यहाँ महिलाएं स्वयं को बहुत सुरक्षित महसूस करती है, क्योंकि यहाँ महिलाओ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। यहाँ पर पीड़ित महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर सशक्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन व हर प्रकार का सहयोग किया जाता है।
वन स्टाँप सेंटर की इन्चार्ज डाँ मीनू यादव ने बताया कि सेंटर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसके आलावा जिला के सभी पुलिस थानों के पुलिस कर्मचारयों के साथ भी सेंटर के अधिकारी बैठकें करते रहते है। ताकि सभी प्रकार से ज्यादा से ज्यादा पीड़ित महिलाओं को सेंटर द्वारा मदद मिल सके। इसके साथ ही जो पीड़ित महिलाऐं सेंटर तक पहुचनें में असक्षम है। उनको केंद्र के कर्मचारियों के द्वारा उनके आवास पर जाकर आवश्यक सहायतायें प्रदान की जा रही है।