कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए मिशन मोड पर करें काम: एडीसी

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पहली सितम्बर से होगी पोषण माह की शुरुआत, माताओं, किशोरियों और बच्चों पर रहेगा फोकस

धर्मशाला, अगस्त। कांगड़ा जिले में कुपोषण और एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ अन्य संबंधित विभाग भी मिशन मोड पर कार्य करें। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने यह बात कही। डीसी ऑफिस के सभागार में आयोजित इस बैठक में 1 सितम्बर, 2024 से शुरू होने वाले पोषण माह को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी कांगड़ा सौरभ जस्सल ने कहा कि समाज और देश के बेहतर भविषय के लिए हम सबको कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि इसके लिए जहां सभी विभागों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है, वहीं इसको लेकर आम समाज के बीच जागरूकता फैलाना भी समय की मांग है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग पूरे सितंबर 2024 में राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दौरान छः वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा किशोर लड़कियों में कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए।

पांच थीम पर केंद्रित पोषण माह

बकौल एडीसी, एनिमिया व डायरिया प्रबंधन, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी और बेहतर क्रियान्वयन के लिए तकनीक जैसी पांच थीम पर पोषण माह-2024 मुख्यतः केंद्रित है। उन्होंने पोषण माह के दौरान इन्हीं पांच थीम पर फोकस रहकर सभी संबंधित विभागों को अपनी गतिविधियों का संचालन करने के निर्देश दिए। एडीसी ने कहा कि जिले में जिन बच्चों में कुपोषण को लेकर सुधार नहीं आ रहा, विभाग के अधिकारी स्वयं उनके घरों में जाकर बच्चों के अभिभावकों से बात करें और उन्हें चिकित्सक परामर्श लेने के लिए प्रेरित करें।

4226 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से चलेगा अभियान

एडीसी ने बताया कि जिला कांगड़ा में 4226 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण अभियान संचालित किया जाएगा। जिले में एक महीने तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विशेष स्तनपान और पूरक आहार के प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही अभियान के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष ‘एक पौधा मां के नाम’ अभियान भी पोषण माह का एक भाग है। इस दौरान एडीसी ने कुपोषण और एनीमिया में लाभकारी पौधों को लक्षित घरों में रोपित करवाने के निर्देश विभाग को दिए।

विभागीय योजनाओं की हुई समीक्षा

बैठक में महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा हुई। जिला कार्यक्रम अधिकारी आशोक शर्मा ने विभागीय योजनाओं का ब्योरा विस्तारपूर्वक सबके समक्ष रखा। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों, पूरक पोषाहार कार्यक्रम, पोषण अभियान, मिशन वात्सल्य, चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन, मातृवंदना योजना, वन स्टॉप केंद्र, बेटी है अनमोल, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, सुखाश्रय योजना, सशक्त महिला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और विशेष महिला उत्थान योजना की समीक्षा हुई। एडीसी ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के निर्देश विभाग को दिए।

मिशन भरपूर से मिला लाभ

जिला प्रशासन तथा महिला बाल विकास विभाग की ओर से कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुरू किए गए मिशन भरपूर पर भी बैठक में चर्चा हुई। जिला प्रशासन की पहल से शुरू हुए इस अभियान से कुपोषित बच्चों में सुधार देखा गया। एडीसी ने बताया कि मिशन भरपूर से जिले में आंशिक रूप से कुपोषित 66 प्रतिशत और गंभीर रूप से कुपोषित 68.9 प्रतिशत बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है। उन्होंने बताया कि मिशन भरपूर के तहत कुपोषित बच्चों को चॉकलेट बार प्रदान की जाती है। सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर द्वारा तैयार करवाई गई यह चॉकलेट प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

यह रहे उपस्थित

इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, उपनिदेशक कृषि विभाग राहुल कटोच, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा सविता ठाकुर, डीसीपीओ राजेश शर्मा, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. वंदना बालियान, उच्च शिक्षा विभाग से सुधीर भाटिया सहित जिले से समस्त सीडीपीओ और महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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