फरीदाबाद : नवरात्रों के चौथे दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में मां कुष्मांडा की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर मंदिर में प्रात से ही भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने मंदिर में आने वाले सभी भक्तों का भव्य स्वागत किया. श्री भाटिया ने मां कूष्मांडा की भव्य पूजा-अर्चना का शुभारंभ करवाया.इस अवसर पर मंदिर में मां के दरबार में पूर्व विधायक चंद्र भाटिया,नीरज अरोड़ा, अनिल ग्रोवर, रोहित, एडी गुर्जर, नीरज भाटिया, प्रदीप जाम, रमेश, धीरज पंजानी एवं आनंद मल्होत्रा ने हाजिरी लगाई तथा पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. इन सभी ने मां कूष्मांडा का आशीर्वाद ग्रहण किया.मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों को माता की चुनरी भेंट की.इस अवसर पर भक्तों को मां कूष्मांडा के बारे में बताते हुए श्री भाटिया ने कहा कि देवी कूष्माण्डा, सूर्य के अंदर रहने की शक्ति और क्षमता रखती हैं। उसके शरीर की चमक सूर्य के समान चमकदार है। माँ के इस रूप को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। माता कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी के नाम से भी पुकारा जाता है. मां की सवारी शेरनी है, अत्र-शस्त्र: आठ हाथ – उसके दाहिने हाथों में कमंडल, धनुष, बाड़ा और कमल है और बाएं हाथों में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र है. मां का सबसे प्रिय भोग मालपुआ है तथा उन्हें पीला रंग सबसे प्रिय है.
इसलिए जो भी भक्त माता कूष्मांडा की सच्चे मन से पूजा करते हुए जो भी अरदास मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है.