पुलिस आयुक्त श्री राकेश कुमार आर्य ने सेक्टर 12 में ज्वाइंट सीपी सभी डीसीपी, सभी एसीपी, सभी थाना प्रबंधक, सभी चौकी प्रभारी, सभी क्राइम ब्रांच प्रभारी और आर्थिक अपराध ब्राचं प्रभारी के साथ मीटिंग कर क्राइम एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा की।

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नशा तस्करी के विरुद्ध अभियान चलाकर नशे पर अंकुश लगाने तथा महिला सुरक्षा, साइबर व हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के दिए निर्देश

गंभीर अपराधों में थाना प्रभारी व एसीपी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर वारदात की करें समीक्षा, अपराधी की धरपकड़ कर पहुंचाएं सलाखों के पीछे -पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य

फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने आज सेक्टर 12 में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ पहली समीक्षा बैठक की। बैठक में अपराध, कानून एवं व्यवस्था व अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों की समीक्षा की गई। बैठक में ज्वाइंट सीपी ओपी नरवाल, डीसीपी मुख्यालय अभिषेक जोरवाल, डीपीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा, डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ, डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन, डीसीपी बल्लबगढ़ राजेश दुग्गल, एसीपी हेडक्वार्टर अभिमन्यु गोयत सहित सभी एसीपी, महिला व ट्रैफिक थाना सहित सभी थाना प्रबंधक, सभी चौकी प्रभारी, क्राइम ब्रांच व कार्यालय के सभी ब्राचं इंचार्ज और संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

पुलिस आयुक्त ने मीटिंग के दौरान नशा तस्करी, महिला सुरक्षा, हत्या, साइबर अपराध जैसे गंभीर मुद्दों की समीक्षा करते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों को इनपर अंकुश लगाने तथा आमजन के बीच अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपराधिक वारदात घटित होने पर एरिया के थाना प्रभारी तथा एसीपी दोनों तुरंत मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मौका मुआयना करें तथा अपराधी की जल्द से जल्द धरपकड़ कर उसे सलाखों के पीछे पहुंचाएं ताकि आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास सुदृढ़ हो और वह सुरक्षित महसूस कर सकें। पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जो केस काफी समय से पेंडिंग हैं उनकी समीक्षा करें तथा उनमें देरी के कारण जानकार उसका तुरंत समाधान करें तथा 3 महीने, 6 महीने तथा 1 साल से अधिक वाले मामलों में त्वरित कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ विनम्र व्यवहार किया जाए। थाने में आने वाले हर व्यक्ति की सुनवाई हो और उसकी शिकायत पर तुरंत निष्पक्ष एवं न्यायोचित कार्यवाही की जाए। पीड़ित को उनके केस के बारे में सारी जानकारी दें। उनकी शिकायत दर्ज होने से लेकर के जब तक चालान पेश होता है पीड़ित के साथ खड़े रहे तथा उन्हें मामले की सारी जानकारी स्पष्ट पूर्ण तरीके से दें तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही ने नहीं बरतें और हत्या, दुष्कर्म लूट, डकैती जैसे जगन्य अपराधों में अपराधियों के खिलाफ तुरंत एक्शन ले तथा संदिग्ध मामलों में थाना व चौकी प्रभारी अपने उच्च अधिकारियों को तुरंत सूचित करें। अनेक विषयों तथा आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा विस्तृत विचार विमर्श किया गया जिनमें आपराधिक आंकड़ों के साथ-साथ स्थानीय एवं विशेष प्रावधानों के तहत आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम करना, लंबित उदघोषित अपराधी, बेल जंपर, मोस्ट वांटेड तथा आपराधिक गिरोह में शामिल दोषियों की धरपकड़ के लिए की गई कार्यवाही, मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त दोषियों की संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई, दर्ज आपराधिक मामलों की जांच पड़ताल की कार्यवाही, चिन्हित अपराधों की रोकथाम के लिए निगरानी, मादक एवं नशीले पदार्थों, जुआ सट्टा, अवैध शराब की तस्करी तथा अवैध असला को पकड़ने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान की गई कार्यवाही की समीक्षा की गई तथा अपराध की दृष्टि से संवेदनशील एरिया में पुलिस की मौजूदगी एवं निगरानी इत्यादि विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

पुलिस कमिश्नर श्री राकेश कुमार आर्य ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि अनुसंधान के दौरान मामलें की हर पहलू से जांच करे। गैंगस्टर व अपराधियों की धरपकड़ के अतिरिक्त कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था व अन्य सामान्य ड्यूटियों के दौरान भी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाए। नाकाबन्दी के दौरान वाहनों की गहनता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि संगीन किस्म के अपराधों से जुड़ी शिकायतों की गहनता से जांच करके त्वरित कार्रवाई की जाए। इसके अलावा नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने जिला के मोस्टवांटेड इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए गम्भीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने आर्म्स एक्ट , एनडीपीएस एक्ट व जघन्य किस्म के मामलों की गहनता से जांच करने व केस की तह तक जाने व सोर्स का पता लगाने के निर्देश दिए ताकि अपराधियों के नेटवर्क का पता चल सके व प्रभावी कार्रवाई कर अपराध की पुनरावृति को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम के लिए निरंतर गश्त करें। दुष्चरित्र एवं असामाजिक शरारती तत्वों पर निगरानी रखे तथा उनके खिलाफ निवारक कार्यवाही करें। आदतन अपराधियों व उनके सहयोगियों को जो जेल से बाहर आए उन पर निगाह रखी जाए। सभी थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने एरिया के सभी बदमाशों /अपराधियों के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिए। किसी भी क्रिमिनल के साथ सहयोग या मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपराधिक मामलों की समीक्षा करके उनपर अंकुश लगाने के दिशा निर्देश के साथ ही बैठक का समापन किया गया।

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