मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत शहीद मनोज भाटी की याद में शाहजहांपुर में कराई गई कबड्डी खेल प्रतियोगिता, एसीपी राजेश लोहान ने मुख्य अतिथि के तौर पर की शिरकत

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11 अगस्त 2022 जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर के परगल आर्मी कैंप में आतंकियों से लोहा लेते मनोज भाटी हुए थे शहीद

फरीदाबाद: सरकार द्वारा चलाए गए मेरी माटी मेरा देश अभियान के अंतर्गत पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशा निर्देश के तहत एसीपी तिगांव राजेश लोहान, छान्यसा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र, पुलिस चौकी चांदपुर प्रभारी तुषाकांत की मौजूदगी में शाहजहांपुर गांव में शहीद मनोज भाटी की पुण्यतिथि पर कबड्डी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया जिसमें एसीपी राजेश ने अपनी टीम के साथ शहीद मनोज भाटी को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकार द्वारा शहीदों के सम्मान में मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया गया है जिसके तहत देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार 75वें आजादी के अमृत महोत्सव समापन अवसर पर मेरी माटी मेरा देश अभियान राष्ट्र प्रेम को समर्पित है। देश के शहीदों के अमूल्य बलिदान के बलबूते हमें आजादी मिली है जिसके लिए हर भारतीय को देश के वीरों पर गर्व होना चाहिए। इसी के तहत फरीदाबाद के शाहजहांपुर में 11 राजपूताना राइफल के शहीद मनोज भाटी की याद में कबड्डी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया जिसमें एसीपी राजेश लोहान ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।

वर्ष 1996 में जन्में मनोज कुमार भाटी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करने के बाद 25 अप्रैल 2017 में भर्ती हुए थे। चार भाई बहनों में मनोज सबसे छोटे थे। इनके बड़े भाई सुनील कुमार भी सेना में है। जबकि बीच वाले भाई हरेंद्र उर्फ योगेश खेती बाड़ी करते हैं। जबकि बहन आशा शादीशुदा है। इनके पिता बाबूलाल गांव में ही सटरिंग का कारोबार करते हैं।

11 अगस्त 2022 की रात जम्मू कश्मीर में राजौरी सेक्टर के परगल आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 3 जवानों में हरियाणा के फरीदाबाद के गांव शाहजहांपुर के राइफलमैन मनोज कुमार भाटी (26) भी शामिल थे। जम्मू के राजौरी के प्रखल कैंप में दहशत फैलाने आए आतंकियों का इरादा उरी जैसी घटना को दोहराने का था। जिस तरह से आतंकी देर रात में कैंप की तरफ आए तो उन्हें लगा था कि निगरानी ढीली पड़ चुकी होगी। वे नहीं जानते थे कि पोस्ट पर मनोज अपनी राइफल के साथ खड़ा है। जैसे ही मनोज को हलचल का अहसास हुआ उसने अपनी बंदूक का मुंह आतंकियों की तरफ खोल दिया। मनोज भाटी के साथ ही ड्यूटी पर तैनात अन्य जवानों ने भी पलक झपकते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। इसी दौरान एक ग्रेनेड उनकी पोस्ट में गिरा। मनोज और उसके साथी इससे पहले कुछ समझ पाते, वह फट गया। इसके बाद आतंकियों ने गोलियों की बौछार कर दी। ये वाक्या है उस रात का जब देश सो रहा था और शाहजहांपुर का मनोज आतंकियों से लोहा ले रहा था। मनोज ने शहादत देकर कैंप में सो रहे पचास जवानों को बचा लिया। इसके बाद भी जवान आखिरी सांस तक लडे़ और शहीद हो गए। खासी मशक्कत के बाद आतंकियों को मार गिराया गया।

आयोजित करवाई गई इस प्रतियोगिता में 35 टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें लोगों को आपसी भाईचारा बनाए रखने का संदेश किया गया। एसीपी राजेश की मौजूदगी में गांव के मोजिज व्यक्तियों ने यह प्रतियोगिता शहीद मनोज भाटी की याद में हर साल करवाने का निर्णय लिया।

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