उत्तर प्रदेश (Front News Today) आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोपी कानपुर के कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे को उसी के शहर में आखिरकार एनकाउंटर में पुलिस ने मारा गिराया है. दरअसल कानपुर टोल नाके से 25 किलोमीटर दूर विकास दुबे को ला रही कार पलट गई. इस दौरान विकास दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. हालांकि इस एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने एनकाउंटर की पुष्टि की है. उनके मुताबिक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस उसे सरेंडर को कहा, लेकिन लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है. उधर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस और एसटीएफ टीम आज 10 जुलाई को कानपुर नगर ला रही थी. कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई. विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए.

कानपुर पुलिस के मुताबिक, ‘इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की. पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा. पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की. इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया. पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान 5 लाख के इनामी विकास दुबे की मौत हो गई. कानपुर पुलिस की ओर से अभी बयान जारी किया गया है. इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है.विकास दुबे का एनकाउंटर ठीक उसी तरह हुआ, जिस तरह गुरुवार को उसके साथी प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर हुआ था. पुलिस के मुताबिक, कार पंक्चर होने के बाद प्रभात मिश्रा ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी और जब पुलिस ने सरेंडर करने के लिए कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया.

प्रत्यक्षदर्शी ने सुनी गोली की आवाज
उधर हादसे को लेकर यूपी एसटीएफ के अफसर अभी कुछ बोलने से बच रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि मीडिया की नजर से विकास दुबे को बचाने के लिए गाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी. उपर से बारिश हो रही थी. इस कारण बारिश और तेज रफ्तार के कारण गाड़ी पलट गई. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमने फायरिंग की आवाज सुनी थी. इसके बाद पुलिस ने हमें भगाने की कोशिश की. हम वहां से हट गए. हम लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी थी.

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