सुंदरनगर, 29 अगस्त 2024।
कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी विकास खंड सुंदरनगर द्वारा कृषि प्रद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा मण्डी के अंतर्गत प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में कांगू के देहवी गांव में दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती में उपयोग होने बाले घटक बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, द्रेकस्त्र, अग्निअस्त्र तथा ब्रम्हास्त्र प्रयोगात्मक रूप से बताए गए।
कृषि विकास खण्ड सुंदरनगर के खण्ड तकनीकी प्रबंधक लेखराज ने बताया कि शिविर में ग्राम पंचायत कांगू के लगभग 30 किसानों ने भाग लिया।
शिविर में मंडी जिला के उप परियोजना निदेशक डॉ संजय ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने उपस्थित किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया तथा प्राकृतिक खेती बारे बताते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती में किसान किसी भी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यह खेती बड़े पैमाने पर ऑन-फार्म बायोमास रीसाइक्लिंग पर आधारित है, जिसमें बायोमास मल्चिंग, गाय के गोबर और मूत्र के इस्तेमाल पर प्रमुख जोर दिया जाता है। मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए नीम से बने जैविक उर्वरकों का छिड़काव किया जाता है। उन्होंने किसानों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती का उद्देश्य मिट्टी की गुणवत्ता को खराब किए बिना फसल की पैदावार को बेहतर करना है। यह फसलों में विविधता को बनाए रखना, प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल करना, जैविक खाद और एक बेहतर खेती के वातावरण को बढ़ावा देती है। प्राकृतिक खेती एक जैव विविधता के साथ काम करती है। यह मिट्टी की जैविक गतिविधि को बढ़ाने के साथ-साथ खाद्य उत्पादन को भी बढ़ावा देती है।