चरखी दादरी, अगस्त। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों की सभाओं और जूलुस आयोजित करने के बारे में निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके अनुसार किसी प्रस्तावित सभा के स्थल व समय की सूचना निश्चित समय के पहले जिला प्रशासन को देनी होगी। राजनीतिक सभाओं एवं जूलुस आदि के लिए पहले ही स्थान निर्धारित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सभा एवं जूलुस की पूर्व सूचना से यातायात नियन्त्रण करने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में मदद मिलेगी। राजनीतिक दल या प्रत्याशी द्वारा पहले से ही यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सभा के लिए प्रस्तावित स्थल पर कोई प्रतिषेधात्मक आदेश तो लागू नहीं है। यदि ऐसे आदेश होंगे तो सभा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। प्रस्तावित सभा के संबन्ध में लाऊडस्पीकरों के उपयोग अथवा किसी अन्य सुविधा के लिए लाईसैंस की अनुमति लेने के लिए सम्बन्धित अधिकारी को भी पहले से आवेदन देना होगा और अनुमति के बाद ही इनका प्रयोग किया जा सकता है।
राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशियों द्वारा जूलुस आयोजन के बारे में निर्वाचन आयोग के आदेशों की तरफ ध्यान दिलाते हुए उपायुक्त ने कहा है कि जूलुस आरम्भ करने के समय और स्थान, अपनाये जाने वाले मार्ग तथा जूलुस समाप्त होने के समय व स्थान पहले से निश्चित होने चाहिए और उनके बारे में जिला प्रशासन को अग्रिम सूचना देना आवश्यक है। ऐसे जूलुस के कार्यक्रम में सामान्यत: कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता। जूलुस के संयोजक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह उसके बारे में पहले से सूचित करे और संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जूलुस किसी ऐसे इलाके से होकर नहीं गुजरेगा जहां प्रतिबंधित आदेश लागू हैं। जूलुस के समय यातायात नियमों का भी सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि जूलुस से यातायात बाधित नहीं होना चाहिए और यदि बहुत लम्बा जूलुस हो तो इसका आयोजन उपयुक्त लम्बाई के टुकड़ों में किया जाना चाहिए, विशेषरूप से ऐसे स्थलों पर जहां जूलुस को चौराहों से होकर गुजरना हो, ताकि रूके हुए यातायात को गुजरने की अनुमति दी जा सके। राजनीतिक दल या प्रत्याशी जूलुस वालों द्वारा ले जाये जाने वाली सामग्री के विषय में अधिकत्तम संभव सीमा तक नियन्त्रण रखेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के प्रतीक का आभास देने वाले पुतलों को लेकर चलने, सार्वजनिक रूप से उक्त पुतलों को जलाने और प्रदर्शनों को किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी द्वारा प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।