इस वर्ष भी ग्रेटर फरीदाबाद सैक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में 15 से 21 नवंबर तक जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात ने बताया कि भारत में हर वर्ष करीब 25 लाख से अधिक नवजात जन्म लेते हैं, जिनमें से लगभग 7–8% बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं, जबकि करीब 10% बच्चे कम वजन के साथ जन्म लेते हैं। समय पर देखभाल न मिले तो नवजात मृत्यु दर बढ़ने का खतरा बना रहता है। वर्तमान में देश की नवजात मृत्यु दर लगभग 22 प्रति हजार जीवित जन्म है, जिसे कम करने के लिए अस्पताल स्तर पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
नवजात की पहली 28 दिन की जिंदगी बेहद संवेदनशील होती है। इसी अवधि में लगभग 60% शिशु स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। इसलिए जन्म के तुरंत बाद स्किन-टू-स्किन केयर, शीघ्र स्तनपान की शुरुआत, साफ-सफाई और संक्रमण से बचाव अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नवजात में होने वाले संक्रमण, सांस संबंधी परेशानी, बहुत कम जन्म वजन, पीलिया और हाइपोथर्मिया जैसी समस्याओं को समय पर पहचानना जीवन बचा सकता है। आंकड़ों के अनुसार, नवजात मृत्यु के मामलों में 35% कारण संक्रमण, 28% समय से पहले जन्म, और 20% सांस संबंधी दिक्कतें होती हैं।
एकॉर्ड अस्पताल में इस सप्ताह विशेष रूप से माताओं और परिजनों को नवजात देखभाल, टीकाकरण, स्तनपान और स्वच्छता के महत्व पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अस्पताल ने एनआईसीयू सेवाओं को भी सुदृढ़ किया है ताकि जरूरतमंद नवजातों को सर्वोत्तम उपचार मिल सके।
डॉ. प्रभात ने कहा कि सही जानकारी और समय पर हस्तक्षेप से नवजात मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने समाज से अपील की कि हर नवजात को सुरक्षित, स्वच्छ और पोषणयुक्त वातावरण प्रदान करना सभी की जिम्मेदारी है।



