Front News Today: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेई ने एक ऐप ‘बिहार में का बा’ को बिहारियों ने इसे बहुत पसंद किया है, विधानसभा चुनाव के पहले आया यह ऐप राजनीति का अखाड़ा बन गया है, इस ऐप में राज्य और राज्य के प्रवासियों के संदर्भ में व्यवस्था से पूछे गए हैं, सुलगते सवाल हैं जो ऐप के माध्यम से सामने आए हैं, यह ऐप युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय हो रहा है, हो भी क्यों नहीं क्योंकि बिहार में 39 साल से कम आयु की संख्या 3.6 करोड़ है, यह संख्या 100 से अधिक सीटों परिणाम बदल सकता है, यही आंकड़े बिहार के राजनीतिक दलों को आकर्षित कर रहा है, और हर दल इन को लुभाने का एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, वैसे अभी तक युवा वोटर राजनीति के लोगों के लिए पहेली बना हुआ है, वैसे इस समय देखा जाए तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं के लिए अपनी बात विस्तार से बता रहे हैं,और लालू यादव के शासन जंगलराज बनाम सुशासन का बना दिया है, इधर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भी युवाओं को लुभाने में लगे हुए हैं तथा तेजस्वी यादव युवाओं के बीच बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा स्वास्थ्य का मुद्दा बनाए हुए हैं।
हर बार की तरह इस बार भी बिहार के चुनाव में जातीय समीकरण का फैक्टर काम आने वाला है, हर राजनीति दल यादव वोटर, मुस्लिम वोटर, दलित वोटर आदि का वोट अपने पाले में करने का प्रयास कर रहे हैं वैसे आरजेडी में यादव और मुस्लिम वोट को खूब मिलते हैं लेकिन अगड़ी और पिछड़ी साथियों को वोट जिधर भी जाएगा वहां उस पार्टी का सीट बढ़ाने में काम करेगा

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