(Front News Today/डॉ. राकेश प्रकाश) कोरोना काल में देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। कोविड 19 की वजह से दुनिया भर में लाखों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। लेकिन इंटरनेट के कारोबारी इस महामारी में भी बेशुमार दौलत बटोर रहे हैं। पूरी दुनिया में फैली महामारी से पैदा हुए हालात के कारण लोग घरों में सिमट कर रह गए हैं। लिहाजा घर में बैठकर पढ़ाई यानि स्कूल-कॉलेज की ऑनलाइन क्लास हो या ईमेल के जरिए कारोबार, इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। क्योंकि ज्यादातर लोग अपने अपने लोग घरों में रह कर इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन तरीके से काम कर रहे हैं। स्कूल और कॉलेज की दुनिया अब कैंपस की चारदीवारी से बाहर निकल कर कंप्यूटर और लैपटॉप के स्क्रीन पर दिखाई देने लगी है। देश के हर हिस्से में बड़े-बड़े स्कूल और कॉलेज की ऊंची ऊंची इमारतें खाली पड़ी है और दो कमरों के फ्लैट के भीतर टीचर और बच्चों की आवाजें गूंज रही है। लोग अब अपने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के अलग अलग तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ऑनलाइन वीडियो चैट, वेबिनार और ई-कॉन्फ्रेंस का चलन दिनों दिन रफ्तार पकड़ने लगा है। ऐसे में यदि ‘फिक्की-ईवाई’ (FICCI-EY) की रिपोर्ट की मानें तो डिजिटल मीडिया वर्ष 2020 के आखिर तक फिल्म एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और वर्ष 2021 तक प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री को पीछे छोड़ देगी। यही नहीं, डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री वर्ष 2021 तक 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी। फिल्मी सेगमेंट की बात करें तो वर्ष 2018 में यह 2.5 बिलियन डॉलर का था और वर्ष 2019 में यह 2.8 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। वहीं प्रिंट सेक्टर वर्ष 2018 में जहां 4.4 बिलियन डॉलर का था, 2021 तक इसके 4.8 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

वर्ष 2018 में डिजिटल मीडिया की ग्रोथ में 42 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ था और यह बढकर 2.4 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गई थी। कहा जाता है कि भारतीय लोग जितना भी समय अपने फोन पर बिताते हैं, उसमें से 30 प्रतिशत समय वह एंटरटेनमेंट देखने में व्यतीत करते हैं। साल 2019 में डिजिटल मीडिया में ग्रोथ रेट में मामूली बढ़ोत्तरी देखने को मिली लेकिन इसका कारोबार बढ़कर 3.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

बता दें कि दुनिया भर में चीन के बाद अपने देश हिंदुस्तान में इंटरनेट यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। इस समय करीब 570 मिलियन एंटरनेट यूजर्स हैं और जिनकी संख्या में हर साल 13 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है। इनमें करीब 33 फीसदी महिलाएं ही इंटरनेट का उपयोग करती है जबकि 67 प्रतिशत पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। महानगर और शहरी इलाकों  की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं इंटरनेट का कम इस्तेमाल करती है। इसके पीछे की मुख्य वजह ग्रामीण परिवेश और जीवन शैली है। साल 2018 में 325 मिलियन ऑनलाइन विडियो व्युअर्स थे और 150 मिलियन  ऑडियो स्ट्रीमिंग यूजर्स थे। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि भुगतान करने वाले ‘ओटीटी’ (OTT) विडियो सबस्क्राइबर्स की संख्या वर्ष 2021 तक 30-35 मिलियन हो जाएगी।

वर्ष 2018 में इसके एडवर्टाइजिंग मॉडल की कीमत 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जबकि वर्ष 2018 में इसका सबस्क्रिप्शन 0.2 बिलियन अमेरिका डॉलर था। माना जा रहा है कि वर्ष 2021 तक इसका विज्ञापन मॉडल 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सबस्क्रिप्शन मॉडल 0.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स आने वाले समय में नए मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स बन जाएंगे।

बता दें कि ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिककरण’ (TRAI) के नए ऑर्डर की वजह से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को काफी ज्यादा फायदा होगा। कुल मिलाकर भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर ने पिछले सालों के मुकाबले 13.4 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 23.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को छू लिया है। रिपोर्ट में यह भी उम्मीद जताई गई है कि साल 2021 तक यह सेक्टर अगर अपने रफ्तार को कायम रखता है तो इसका कुल कारोबार बढ़कर 33.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वर्ष 2018-21 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में ज्यादा विकास देखने को मिलेगा। टेलीविजन की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं होगा लेकिन रेवेन्यू के मामले में यह सबसे बड़ा सेगमेंट बना रहेगा।’

भारत में लोग ऑनलाइन गेमिंग को भी काफी पसंद कर रहे हैं और लोकप्रियता में भी काफी इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि साल 2017 में ऑनलाइन गेमिंग सबस्क्राइबर बेस जहां 183 मिलियन डॉलर का था, वह 2018 में बढ़कर 278 मिलियन डॉलर का हो गया था। माना जा रहा है कि वर्ष 2018 में 0.7 बिलियन के मुकाबले वर्ष 2021 में इसका रेवेन्यू 1.7 बिलियन डॉलर का हो सकता है। टेलीविजन की बात करें तो वर्ष 2018 में इसमें 12 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई थी और यह 10.6 बिलियन डॉलर का हो गया था। माना जा रहा है कि साल 2021 तक यह क्षेत्र और विशाल होकर 13.7 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। रिपोर्ट का कहना है, ‘भारतीय ब्रॉडकास्टर्स अंतररष्ट्रीय स्तर पर अपने पैर पसारना जारी ऱखेंगे। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिलने वाले रेवेन्यू साल 2021 तक 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। कारोबार को लेकर एक बात बिलकुल साफ है कि कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया में कारोबारी मुसीबत झेल रहे हैं लेकिन इंटरनेट आधारित ऑनलाइन कारोबार इस मुश्किल हालात में भी कामयाबी का परचम लहरा रहा है।

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