वहीँ 1475 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 1 करोड़ 46 लाख 97 हजार रुपए कराये रिकवर/ रिफंड

फरीदाबाद पुलिस द्वारा आमजन को साइबर अपराध से बचाव के लिए लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान – साइबर ठगी के मामले में तुरंत 1930 पर करें सूचित: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य

फरीदाबाद- पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश पर पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध जसलीन कौर के मार्गदर्शन और एसीपी साइबर क्राइम अभिमन्यु गोयत के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए तीनों जोन की साइबर थाना प्रभारियों की टीमो के द्वारा कार्रवाई करते हुए बीते तीन महीना में 163 साईबर ठगो को गिरफ्तार किया है।

पुलिस आयुक्त के मार्गदर्शन में फरीदाबाद पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों को पकड़ने के साथ-साथ आमजन को भी साइबर अपराध से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। जिसके लिए फरीदाबाद पुलिस द्वारा हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। फरीदाबाद पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज, मॉल, पार्क, धर्मशाला, इंडस्ट्रीज, एसोसिएशन, गांव, शहर, कस्बे हर जगह जागरूकता कैंप लगाए जाते हैं ताकि साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली वारदातों के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी प्रदान करके उन्हें इस प्रकार की साइबर ठगी से बचाया जा सके।

आजकल तकनीकि के दौर में अलग-अलग तरह से लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं मिल रही है। जिसके माध्यम से लोग अपने ज्यादातर काम करने के लिए तकनीकि पर ही निर्भर हैं। साइबर फ्रॉड अक्सर लालच के कारण होता है। साईबर ठग तुरंत (5-10 मिनट में) कम रेट पर लोन देने का बात करता है, विदेश भेजने के नाम पर, लैप्स बीमा पॉलिसी का फुल रिटर्न दिलाने के नाम पर,साइबर अपराधी इस निर्भरता का फायदा उठा कर लोगो को साइबर अपराध का शिकार बनाते है। साइबर ठगी के लिए साइबर अपराधी लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं जैसे- पैसा इन्वेस्टमेंट कर मोटा मुनाफा देने के नाम पर, टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड, अश्लील वीडियों बनाकर ब्लैकमेल करके, QR, UPI ,लोगों के खाते में बहाने से पैसे डलवाने का लालच देना, बैक अधिकारी बनकर ओटीपी प्राप्त करना प्रमुख है।

साइबर अपराध के तरीके:-

डीपफेक के माध्यम से पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर ठगी:

आज के आधुनिक युग में नई-नई तकनीक के आविष्कारों के साथ साइबर अपराध के भी नए नए तरीके साइबर अपराधियों द्वारा इजात किया जा रहे हैं। इसी में एक बहुचर्चित तरीका है डीपफेक व पुलिस/कस्टम/ सीबीआई अधिकारी बनकर किसी व्यक्ति को व्हाट्सएप या वीडियो कॉल करते हैं और उस व्यक्ति को कहते हैं कि उसके आधार कार्ड से फर्जी सिम कार्ड बनाए गए हैं या उससे किसी प्रकार की अपराधिक गतिविधियों का अंजाम दिया जा रहा है जिसके लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साइबर अपराधी उसे व्यक्ति को सरकारी नोटिस दिखाकर डराने की कोशिश करते हैं जिससे कि व्यक्ति डर जाता है। इसके पश्चात साइबर अपराधी उसे पैसे लेकर मामला निपटाने की बात करते हैं और जागरूकता के अभाव में वह व्यक्ति साइबर अपराधियों को पैसे दे बैठता है। यदि आपके पास भी इस प्रकार का कोई पुलिस अधिकारी या कस्टम या कोई भी सरकारी अधिकारी बनकर फोन या वीडियो कॉल करें तो उसकी बातों पर विश्वास ना करें और इसकी जानकारी तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन पर दें।

शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट फ्रॉड:

साइबर अपराधी सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से लोगों से संपर्क करते हैं और आमजन को शेयर मार्केट में पैसे लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देते हैं। पैसों के लालच में व्यक्ति उनकी बातों में आ जाता है और इसके बाद साइबर अपराधी इनसे शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करवाते हैं। साइबर अपराधी पहले छोटी-छोटी राशि निवेश करवाते हैं और उसपर थोड़ा बहुत मुनाफा दे देते हैं जिससे उसे व्यक्ति को विश्वास हो जाता है कि यह है एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान है। इसके पश्चात साइबर अपराधी उससे और ज्यादा पैसे लगाने के लिए कहते हैं और आप अपनी सारी धनराशि इन साइबर अपराधियों द्वारा बताए गए तरीके से इन्वेस्ट करते हैं और जैसे ही साइबर अपराधियों तक पैसा पहुंचता है तो वह अपना नंबर बंद करके फरार हो जाते हैं और आप साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। यदि आपके पास भी इस प्रकार का कोई मैसेज या फोन आता है और शेयर मार्केट में ज्यादा पैसे निवेश करके ज्यादा पैसे कमाने का लालच देता है तो वह साइबर अपराधी हो सकता है और आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है। कहीं भी पैसे इन्वेस्ट करने से पहले अच्छे से जांच कर ले कि कहीं वह कोई साइबर अपराधी तो नहीं।

साइबर फॉड से बचाव के तरीके:

  • ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। जिसपर आरबीआई की सभी शर्त व गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं।
  • साइबर फ्रॉड के बचाव- बचाव में अगर आपके पास किसी अनजान नम्बर से किसी ऑफर व किसी प्राकर का लाभ देने के संबंध में कॉल आए तो पैसे से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी जैसे बैक खाते,पैनकार्ड, आधार कार्ड, की गोपनीय जानकारी ना दे।
  • यदि कोई व्यक्ति आपको फोन या मैसेज करके कम समय में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देता है तो समझ जाए कि वह साइबर ठग है
  • लॉटरी या गिफ्ट बांटने वाली कंपनी या वेबसाइट को खोलकर ना देखें
  • अनवेरिफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हों उनसे बचना चाहिए. ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डीटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं।
  • पॉर्न साइट पर सर्फिंग न करें, केवल सेफ वेबसाइट को ही खोलें
  • जिन वेबसाइट के यूआरएल से पहले ताला बना होता है उन साइट पर जाएं
  • लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें
  • फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें

साइबर पुलिस की उपलब्धियाँ:

साइबर पुलिस ने जनवरी से मार्च 2024 तक साइबर अपराध के 103 मुकदमों में 163 आरोपी गिरफ्तार कर 2.75 करोड़ रुपए किए रिकवर, 1.58 करोड़ रुपए पीड़ित को कराए रिफंड

1475 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 92.17 लाख रुपए किए रिकवर, 54.80 लाख रुपए पीड़ित को कराए रिफंड

यदि कोई भी संस्था साईबर जागरूकता से सम्बंधित प्रोग्राम/प्रशिक्षण करवाना चाहता है तो मोबाईल नम्बर 9991252353 पर सम्पर्क करें (सहायक पुलिस आयुक्त साईबर, फरीदाबाद)

साइबर अपराध का शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत करें संपर्क।

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