हेड ऑफ द स्कूल प्रोफेसर (डॉ.) मोनिका रस्तोगी ने बताया कि यह कार्यक्रम युनिवर्सिटी चांसलर डॉ. पिचेश्वर गड्ढे के दिशानिर्देशन में करवाया गया। कार्यक्रम की संयोजक रूचि कौशिक थी। लिंग्याज विद्यापीठ के विधि विभाग के छात्र एवं छात्राओं ने शिक्षा के अधिकार के बारे में लोगों को जागरूक किया तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के बारे में लोगों को विस्तार से बताया। शिक्षा का अधिकार भारतीय संविधान के अंर्तगत एक मूल अधिकार है तथा 6 से 14 वर्ष की उम्र के बालकों/बालिकाओं को सरकार द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दी जाती है इसकी जानकारी ग्राम के निवासियों को दी गई साथ ही साथ ग्राम के नागरिकों की विधिक समस्यों का भी समाधान इस शिविर में किया गया तथा विधि विभाग के छात्रों द्वारा लोगो को शिक्षा के बारे जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर लिंग्याज विद्यापीठ युनिवर्सिटी के विधि विभाग के छात्र/छात्राओं एवं अध्यापकों सहित समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे। इस शिविर की सफलता पर रजिस्ट्रार प्रेम कुमार सलवान और अकैडमिक डीन प्रोफेसर (डॉ.) सीमा बुशरा ने विभाग के सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करवाते रहने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिवेंद्र कुमार, विवेक गुप्ता, डॉ अंजली दीक्षित, मोहिनी तनेजा, दुर्गेन्द्र सिंह राजपूत, राजीव झा एवं स्वेक्षा भदौरिया का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

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