(Front News Today/Rajesh Kumar) जन वितरण प्रणाली! सरकार की एक ऐसी योजना जिससे करोड़ों घरों के चूल्हे जल रहे हैं। देश में कितने लोगों को इसी से मिलने वाले राशन का सहारा है और इसी के बदौलत वह अपनी पेट की आग को ठंडा करते हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जब हमारे देश में अमूमन 5 महीनों से लॉक डाउन चल रहा है, काम धंधे सब चौपट हो गये हैं, लोगों की आम जिंदगी अस्त- व्यस्त हो गई है तो सरकार की यह योजना लाइफ लाइन की तरह काम कर रही है लेकिन आम आदमी के लिए जीवनदायिनी यह योजना उस परिस्थिति में विफल हो जाती है जब इसको संचालित करने वाले ही इसमें अपना स्वार्थ ढूंढने लगते हैं।
हम खबर पर आते हैं।
ग्राम पंचायत ईटहुआ चंदौली के अंतर्गत ग्राम इटहुआ चंदौली प्रखंड+ +तहसील +थाना– सलेमपुर, जिला -देवरिया के निवासी हैं राहुल पाठक! राहुल पाठक ने अपनी पत्नी ज्ञानती देवी के नाम से राशन कार्ड हेतु आवेदन दिया था। आवेदन देने के पश्चात राहुल पाठक ने कोटेदार हरिश्चंद्र राम से संपर्क किया तो उसने आगे की प्रक्रिया के लिए राहुल पाठक से ₹200 की मांग किया तो राहुल पाठक ने ₹200 दे दिया और कोटेदार से निरंतर अपने राशन कार्ड के संबंध में पूछताछ करते रहे। पिछले दिनों जब राहुल पाठक ने दबंग कोटेदार हरिश्चंद्र राम से अपने राशन कार्ड के बाबत पूछताछ किया तो कोटेदार के भाई-भतीजे ने धमकी दिया कि “मैं तुम्हारे बाप का नौकर नहीं हूं, जो मर्जी हो उखाड़ लेना, जो मर्जी हो कर लेना “। बाद में कोटेदार के पास बहुत दौड़ने के बाद राहुल पाठक ने इंटरनेट से अपने राशन कार्ड की स्थिति की जांच किया तो राहुल पाठक को पता चला कि उनका राशन कार्ड तो जारी हो गया है परंतु तमाम अनियमितताओं के साथ, गलत विवरणों के साथ। इस बात के बाबत कोटेदार हरिश्चन्द्र राम से जानकारी लेने पर कोटेदार ने बताया कि” आपके इस राशन कार्ड पर तो फरवरी 2020 से ही राशन उठाया जा रहा है”। यहां कोटेदार की मनमानी, धांधली और घोर लापरवाही को उजागर करती यह रिपोर्ट सरकार के जन वितरण प्रणाली की पोल खोल रही है। यह रिपोर्ट तो एक छोटा सा उदाहरण मात्र है। न जाने कितने ऐसे मामले हैं, कितनी ऐसी धांधलीयां हैं जिनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। आखिर आम जनता जाए तो कहां? रिपोर्ट देखें और विचार करें !अगर आप या आपके आसपास भीइस तरह कोई पीड़ित हो तो हमें बताएं !

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