(Front News Today/Anand Kuswaha) बेगूसराय – इनोवेटिव सोच से ऐसे काम भी संभव हो जाते हैं जिसकी आमतौर पर कोई कल्पना नहीं कर सकता। पहले सामान्य नौकरी करते थे। एक दिन उन्होंने तय किया कि मोती की खेती करेंगे। इसके लिए पहले उन्होंने जानकारी जुटायी। जयपुर एवं भुवनेश्वर में ट्रेनिंग ली और अपने गांव में ही मोती की खेती शुरू कर दी। आज वह स्वयं तो अच्छी कमाई कर ही रहे हैं, साथ ही मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पटना में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। इससे उनके लिए भी आत्मनिर्भरता के रास्ते खुल रहे हैं। ये बातें रविवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बेगूसराय जिले के डंडारी प्रखंड के तेतरी गांव में मोती की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार के कार्यों की सराहना करते हुए कहीं। प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार वंशीधर उच्च विद्यालय तेतरी में क्लर्क की नौकरी छोड़ कम लागत से उन्नत खेती करने का रास्ता अपनाया। इसमें वह सफल भी रहे और आज अन्य किसानों के लिए नजीर बन गये हैं।

*मोती उत्पादन से बढ़ी ख्याति
यूं तो प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार ने पशुपालन, बकरी पालन, बत्तक पालन, खरगोश पालन, मत्स्य पालन के साथ – साथ औषधीय पौधों की खेती में भी अभिरुचि दिखाई है। इसके अलावा मीठे जल वाले ताल-तलैया में प्रथम प्रयास से ही कम लागत पर सीप से मोती तैयार करने का भी काम किया। वह बताते हैं कि जिंदा सीप के शरीर को ऑपरेट कर जिस आकृति का मोती तैयार करना है उस आकृति का कैल्सियम कार्बोनेट का टुकड़ा जिंदा सीप के शरीर में डाल दिया जाता है। इस टुकड़े के कारण सीप के शरीर को कष्ट पहुंचता है जिसके दर्द से सीप शरीर के अंदर से कैल्सियम केमिकल का श्राव करता है। वह श्राव उक्त टुकड़े पर जमने लगता है। तालाब में छह महीने तक यह टुकड़ा जिंदा सीप के शरीर में पड़ा रहता है। उसके बाद मनचाही आकृति का मोती तैयार हो जाता है।

*500 की लागत से 5 हजार तक की होती है कमाई
प्रगतिशील किसान बताते हैं कि एक सीप से मोती तैयार करने में लागत चार सौ से पांच सौ रुपए आती है। जबकि, बाजार मूल्य चार से पांच हजार रुपये तक मिल जाता है। इसके अलावा प्रगतिशील किसान के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जो किसानों के साथ ही समाज के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। उनके सराहनीय कार्यों के लिए जिला स्तर से राज्य स्तर पर भी वह पुरस्कृत हो चुके हैं।

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