(Front News Today) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत क़रीब दो सौ मेहमान अयोध्या पहुंचेंगे और कोरोना संकट के बावजूद इस मौक़े को भव्य बनाने की कोशिश होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ख़ुद तैयारियों का जायज़ा ले चुके हैं.
वहीं अयोध्या क़स्बे से क़रीब 25 किमी दूर रौनाही थाने के पीछे धन्नीपुर गांव का हाल वैसा ही है जैसा कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के दूसरे गांवों का.
गांव में कुछ मरीज़ों के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद गांव के कुछ हिस्सों में आवागमन बंद कर दिया गया है. हालांकि गांव के बाक़ी हिसों में चहल-पहल पर्याप्त है.
धन्नीपुर गांव में ही यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ ज़मीन दी है. यह ज़मीन कृषि विभाग के 25 एकड़ वाले एक फ़ार्म हाउस का हिस्सा है जहां इस समय धान की फ़सल की रोपाई हुई है.धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ज़मीन भले ही दे दी है लेकिन न तो ज़मीन को लेकर और न ही मस्जिद बनाने को लेकर किसी में कोई उत्सुकता है. ज़मीन देने की घोषणा हुए क़रीब छह महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ वक़्फ़ बोर्ड के लोग राजस्व अधिकारियों के साथ ज़मीन देखने के लिए आए हैं.

सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफ़र अहमद फ़ारूक़ी कहते हैं, “ज़मीन मिलने के बाद कुछ तय करते, उससे पहले लॉकडाउन शुरू हो गया. अभी उसकी नाप-जोख भी ठीक से नहीं हुई है. इधर बकरीद भी आ गई है और पांच तारीख़ को भूमि पूजन भी है. अब जो कुछ भी होगा उसके बाद ही होगा.”
ग्राम प्रधान राकेश कुमार यादव कहते हैं, “जब घोषणा हुई थी तब सभी लोग देखने आए थे लेकिन उसके बाद कोई पूछने भी नहीं आया. ज़मीन तो तब भी ऐसे ही पड़ी थी, अभी भी वैसे ही है. हां, खाली पड़ी थी तो धान की खेती हो रही है. जब पैमाइश हो जाएगी तो ज़मीन वक़्फ़ बोर्ड को मिल जाएगी. हमारे गांव में तो किसी की दिलचस्पी नहीं है कि मस्जिद कब बनेगी, कैसे बनेगी.”

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