(Front News Today)

अटल अटल थे

जो ठान ली, सो ठान ली,
जो कर गए, जिस काल में,
वो आज भी यथार्थ है,
वो धैर्य की पहचान हैं ।

कालचक्र की कोख से,
जन् अटल अभिमान से,
कालजयी सत् युगपुरूष,
सं घर्ष के प्रतिमान थे।

प्रेरणा थे नई पौध के ,
थे कृष्ण सरीखे सारथी,
मानवता के रक्षक थे,
राजनीति के थे महारथी ।

राजनीति के चाणक्य थे,
सं सद के थे अमूल्य निधि
अनमोल रतन राजनीति के ,
वह आज भारत रत्न हैं ।

भारत को गौरव दिला,
समा गए गतिहास में,
वो अटल पथ तैयार कर
खो गए अनंत आकाश में
समृद्धि उपाध्याय

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