(Front News Today/Rajesh Kumar) खास रिपोर्ट…. सुदीक्षा भाटी, गरीब परिवार की एक ऐसी लड़की जिसने अपनी योग्यता एवं प्रतिभा की बदौलत अपने सपनों को उड़ान दिया था। चाय बेचने वाले पिता की इस होनहार बेटी ने सन 2018 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में टॉप कर पहला स्थान प्राप्त किया था। प्रतिभावान बेटी को करीब 4 करोड रुपए की छात्रवृत्ति मिली तो उच्च शिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए वह अमेरिका चली गई। वर्तमान में सुदीक्षा अमेरिका के बैबसन कॉलेज में अध्ययनरत थी और छुट्टियां बिताने घर आई थीं।
दरअसल कल सोमवार को सुदीक्षा अपने मामा के घर जा रही थी। चुकी सुदीक्षा को आगामी 20 अगस्त को अमेरिका लौट जाना था परंतु अमेरिका जाने से पहले वह अपने ननिहाल के लोगों से मिलना चाहती थी। इसी क्रम में स्कूटी से सुदीक्षा अपने चाचा के साथ ननिहाल जा रही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार रास्ते में ही बुलेट सवार युवकों ने सुदीक्षा की बाइक को ओवरटेक करना तथा सुदीक्षा पर फब्तियां कसना भी शुरू कर दिया। मनचले कभी स्कूटी के पीछे हो जा रहे थे, कभी ओवरटेक करके आगे हो जा रहे थे। इसी क्रम में एक जगह बुलेट सवारों ने एकदम स्कूटी के आगे बुलेट को रोक दिया जिससे स्कूटी बुलेट से टकरा गई और सुदीक्षा सिर के बल गिरी। सुदीक्षा के सिर के पिछले हिस्से में गहरी चोट लगी जिससे सुदीक्षा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और इस तरह से सुदीक्षा की मौत के साथ ही एक सुनहले स्वप्न का अंत हो गया।
सुदीक्षा भाटी पढ़ाई में होनहार तो थी ही इसके अलावा सामाजिक गतिविधियों में भी गहरी रूचि रखती थी।वह महिलाओं के उत्थान और उनके सामाजिक स्तर में सुधार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के विरोध में कार्य करने वाले संगठन” वाइस आप विमन” से भी जुड़ी थीं। विडंबना देखिए उसी सुदीक्षा की मौत का कारण महिलाओं के विरुद्ध अपराध ही बन गया।
वास्तविकता यह है की यह मौत एक सामान्य घटना या हादसा मात्र नहीं है बल्कि यह एनकाउंटर प्रदेश बनते जा रहे उत्तर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित करता है। पुलिस इस घटना को सिर्फ एक हादसा बता रही है तथा अपने कर्तव्य की इतिश्री करने के फेरे में है परंतु सुदीक्षा के घरवालों की मानें तो मनचलों द्वारा जानबूझकर इस कुकृत्य को अंजाम दिया गया है। निश्चित रूप से इस घटना के बाबत हम अमेरिका को क्या मुंह दिखाएंगे? क्या हम यह कहेंगे कि हम अपनी बहन बेटियों की सुरक्षा अपने घर में भी करने में नाकाम हैं? चाहे जो भी हो! ऐसी शर्मनाक घटना को अंजाम देने वालों को कानून के अनुसार कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए जिससे सुदीक्षा के घर वालों को न्याय मिल सके!

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