Front News Today: विदाई के समय शिष्टाचार के नाते एक दूसरे की संस्कृति में रंगे नजर आए प्रतिनिधि
-हरियाणवी नागरिकों ने विदेशियों को गुड बाय कहा तो बदले में विदेशियों ने राम-राम से दिया जवाब
-हिंदी में बात करना अपनी शान समझते हैं विदेशी

सूरजकुंड (फरीदाबाद), 04 अप्रैल। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला सोमवार को संपन्न हो गया। सात समंदर पार से आए प्रतिनिधि तथा देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार व शिल्पकार विदाई के समय शिष्टाचार के नाते एक दूसरे की संस्कृति में रंगे नजर आए। मीठी यादों के साथ हुई यह विदाई ताउम्र सबके जहन में रहेगी।

दो सप्ताह से अधिक चले इस मेले में लगाए गए स्टॉल में धरती की सभी संस्कृति, धर्म व सभ्यता के नागरिकों का यहां एक साथ पड़ोसी की तरह रहना एक-दूसरे की शिष्टाचार की मोटी-मोटी बात तो सिखा ही गया। आज समाप्ति पर एक दूसरे से विदा होते समय मिश्रित संस्कृति के इस मेलजोल का रंग चढ़ा हुआ दिखाई दिया।

हरियाणा की पुरानी परंपरा रही है कि जब भी हम एक दूसरे से मिलते हैं या विदाई लेते हैं तो राम-राम बोलते हैं। गुडबाय के इस दौर में राम-राम का इतना बोलबाला होगा यह देखकर हर कोई चकित था। इस मेले में जब स्थानीय लोगों ने विश्व भाषा का दर्जा लिए अंग्रेजी में विदेशियों को गुड बाय कहा तो लगभग सभी की ओर से राम-राम ही सुनाई दिया। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में अंग्रेजी भाषा ने भले ही एक दूसरे को जोडऩे के लिए एक पुल का काम किया लेकिन अंत में हिंदी में बात करना अपनी शान समझ रहे थे।

पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान के नागरिक पगड़ी बांधकर पूरी तरह से हरियाणवी रंग में रंगे नजर आए। वहीं थीम प्रदेश जम्मू कश्मीर के नागरिक हरियाणा के लोगों की आवाज खुश नजर आए।

गर्म बोल और नरम दिल के हरियाणवी ट्यून को सॉफ्ट रखने की कोशिश करता नजर आया
विश्व की सभी संस्कृतियों के साथ रहने के बाद गर्म बोल और नरम दिल वाले हरियाणवी भी अपनी ट्यून को सॉफ्ट रखने की कोशिश करता नजर आया। दरअसल सरकार के निर्देश पर मेला प्रबंधन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए ढाई हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था। पुलिस के अधिकारियों के सामने यहां दोहरी चुनौती थी। हरियाणा पुलिस के जवानों के सख्त लहजे को विदेशियों के अनुरूप ढालना काफी मुश्किल काम था।

इसके लिए बाकायदा आला अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को इस बारे में प्रशिक्षण भी दिया। इसके बाद किसी भी सिचुएशन को हैंडल करने के लिए उनकी काबिलियत के हिसाब से ही पुलिसकर्मियों को जोन वाइज बांटा गया। जहां विदेशियों से बातचीत करनी पड़ती है वहां पर ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया जो अंग्रेजी भाषा में ठीक-ठाक विदेशियों के साथ बातचीत कर सकें।

मेले में स्वच्छ भारत अभियान का नारा हुआ चरितार्थ
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान का नारा भी यहां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में चरितार्थ होता नजर आया। मेले परिसर में कहीं भी गंदगी का नामोनिशान नहीं दिखाई दे रहा था। इसके लिए नगर निगम द्वारा बेहतरीन कूड़ा प्रबंधन किया गया था। फरीदाबाद नगर निगम के कमिश्नर यशपाल यादव लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहे तथा समय-समय पर भी कूड़ा प्रबंधन का जायजा भी लेते रहे। मेले में सुलभ शौचालय तथा सफाई व्यवस्था से सभी खुश नजर आए।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए थे विशेष इंतजाम
विश्वव्यापी कोरोना महामारी की समाप्ति के दौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी विशेष इंतजाम किए गए थे। मेला स्थल पर एंबुलेंस सहित मेडिकल टीम तैनात की गई थी। मेला स्थल पर बनाए हेल्थ सेंटर पर फस्र्ट एड आदि सभी व्यवस्थाएं की गई थी। यहां पर कोरोना से बचाव के टीके भी लगाए जा रहे थे। जब भी किसी पर्यटक को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी होती तो तुरंत उसे स्वास्थ्य सुविधा मुहैया उपलब्ध करवाई गई। सीएमओ खुद इस कार्य की निगरानी कर रहे थे।

पर्यटन विभाग के अधिकारी 24 घंटे डटे रहे मैदान में
पर्यटन विभाग की कड़ी मेहनत की बदौलत अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प कला मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विभाग के प्रधान सचिव एम.डी. सिन्हा, प्रबंध निदेशक डा. नीरज कुमार तथा मेला अधिकारी राजेश जून 24 घंटे अपनी टीम सहित मेला स्थल पर तैनात रहे। उपायुक्त जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में जिला के सभी विभागों ने अच्छे तालमेल के साथ कार्य किया तथा इसे अंजाम तक पहुंचाया। डी.सी. खुद हर रोज मेले का जायजा लेने आते रहे। विभाग के अधिकारियों ने सभी प्रकार की व्यवस्थाओं में कोई कोर कसर नहीं रहने दी। विदेशी प्रतिनिधियों से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था करना बहुत मुश्किल कार्य होता है लेकिन विभाग के अधिकारियों के अच्छे प्रबंधन की बदौलत यह मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

महिलाओं ने मेले में अंतिम दिन जमकर खरीदी वाटर प्रूफ जूतियां
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से मिल रहा स्वरोजगार को बढ़ावा
-ग्रामीण इकाई के प्रतिनिधि मेले में कर रहे उत्पादों का शानदार प्रदर्शन

सूरजकुंड (फरीदाबाद), 04 अप्रैल। जूतियां अक्सर हम हरियाणा की देहाती महिलाओं का पहनावा समझते हैं लेकिन आज के आधुनिक दौर में ये जूतियां भी सभी वर्गों की महिलाओं के बीच स्टेटस सिंबल बन गई है। ऐसी ही भीड़ अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में अंतिम दिन सोमवार को स्टॉल नंबर 511 पर ज्वेलरी लेडीज स्लीपर वाटरप्रूफ जूतियां खरीदने के लिए महिलाओं की लगी रही।

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में चल रहे 35 वे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में इस बार गहने युक्त स्लीपर और वाटर प्रूफ जूती की अच्छी खासी डिमांड होने के कारण महिलायें जमकर खरीदारी की।

एस.एम.एस. चला रही महालक्ष्मी यूनिट की उषा रानी ने बताया कि यूनिट कच्चा माल स्वयं सहायता समूह को महिलाओं को मुहैया कराती है,और तैयार माल को मार्किट में बिक्री के लिये भेजती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने समूह के माध्यम से स्लीपरों पर सिल्वर और गोल्ड की कढ़ाई का वर्क कराया है, जिसका महिलाओं में अच्छा खासा क्रेज देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही वाटर प्रूफ जूति की इस बार मेले में खासी धूम रही, वाटर प्रूफ जूतियों की शोल गद्देदार होने के कारण अच्छा बिजनेस मिल रहा है। वाटर प्रूफ जूती की खासियत बताते हुए उषा रानी कहती हैं कि इन जूतियों से महिलाओं के पैरों के तकनो में दर्द नही होता, जबकि हार्ड शोल की जूतियों पैरों में दर्द का कारण बन जाती हैं। महिलाओं की पहली पसंद वाटर प्रूफ जूती बन गई है। सोमवार को मेले के आखिरी दिन महिलाओं ने जमकर खरीदारी की।

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