Front News Today/Rudra Prakash: आइए जानते इस महान सामाजिक व्यक्ति के बारे में, बिहार की राजधानी पटना से 200km दूर गया जिले के बांके बाज़ार प्रखंड के लोगों का मुख्य पेशा खेती बारी है, पहले यह लोग धान और गेहूं की खेती नहीं कर पाते थे क्योंकि यहां सिंचाई की सुविधा नहीं हुई थी जिसके कारण यहां पर धान गेहूं की फसल नहीं हो पाता था, इसी प्रखंड के कुठल्यावा गांव के रहने वाले लूंगी भुईयां है, इसी कहां से सटे पहाड़ पर एक दिन लूंगी भेड़ बकरी चरा रहे थे, कि उनके मन में एक विचार आया, अगर इस गांव में पानी आ जाए तो यहां की खेती बारी सुधर सकती है, किसी शख्स ने देखा कि बरसात का पानी पहाड़ से सटे रुक जाती है और पानी इस तरह पानी का उपयोग नहीं हो पाता है, तारापुर में खो गए उम्मीद जगी की इस पानी का प्रयोग किया जाए, फिल्म नायक नाहर बनाने की सोची, इसी तरह उन्होंने और इस काम में लग गए वह भी अकेले, नाहर को बनाने में एक या दो साल नही फिर 10 साल नहीं पूरे 30 साल के कड़ी परिश्रम के बाद यह नहर तैयार हुई,वह भी यह नहर 3km लंबी 5 फीट जूनियर 3 फिट गहरी नहर बना दी। इसी अगस्त लूंगी भुइयां का काम पूरा हुआ, और इस साल उनके गांव धान की खेती भी हुई।