(Front News Today/Rajesh Kumar) वाह रे बिहार सरकार और उसका स्वास्थ्य विभाग। इधर कोरोनावायरस ग्राफ बढ़ता जा रहा है तो उधर दूसरी तरफ बिहार सरकार और उसके और उसके स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बढ़ती जा रही है। ताजा मामले को जानने के बाद आपका स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाना लाजिमी है।
ग्राम कचनार, प्रखंड सिसवन , जिला सिवान के रहने वाले संजय कुशवाहा ने दिनांक 31/ 07/2020 को अपना कोरोनावायरस टेस्ट कराया। श्री कुशवाहा की टेस्टिंग में स्वास्थ्य विभाग ने उनके सैंपल को पॉजिटिव बताते हुए उनको दवा खाने की सलाह दिया, आइसोलेट होने का परामर्श देते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी तथा अन्य एहतियात बरतने की भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सलाह दी गई। श्री संजय कुशवाहा ने इधर भयभीत होकर अपने आपको होम आइसोलेट कर लिया और स्वास्थ्य विभाग पर भरोसा करके दवा खाना भी शुरू कर दिया। पुनः दिनांक 3 /08/ 2020 को श्री संजय कुशवाहा जी को स्वास्थ्य विभाग से खबर दी जाती है कि आपका टेस्ट नेगेटिव पाया गया है और अब श्री कुशवाहा उहापोह की स्थिति में है कि क्या करें?
बिहार सरकार की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग की अस्वस्थ कार्यप्रणाली को उजागर करता हुआ दूसरा मामला भी सिवान जिला के सिसवन प्रखंड के अंतर्गत सीमा देवी पत्नी मनोज कुमार कुशवाहा का है जिनको बगैर जांच के कोरोना नेगेटिव होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग द्वारा दे दिया गया यद्यपि सीमा देवी ने कोरोना टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन तो कराया था परंतु किसी कारणवश वह अपना सैंपल जांच हेतु न दे सकी। मामले की जानकारी देने सीमा देवी के पति जब सिसवन प्राथमिक अस्पताल पहुंचे तो वहां के चिकित्सक ने अभद्रता दिखाते हुए परचा फाड़ दिया। सारे तथ्यों के संबंध में ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटो उपलब्ध है।
उक्त मामले यह दिखा रहे हैं कि कोरोना टेस्ट के नाम पर बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग क्या गुल खिला रहे हैं? यह मामले तो छोटे-छोटे उदाहरण हैं। ऐसे न जाने कितने मामले हैं जिनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है सारे मामले पर विचार करने के बाद हम यही कह सकते हैं कि “सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है “रिपोर्ट देखें !

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