सूरजकुंड, 04 अप्रैल। आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के चलते 35 वे  सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के समापन के साथ ही मेला परिसर में चल रही डिजिटल बैकलिट प्रदर्शनी भी समाप्त हो गई। गत 19 मार्च से ही सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के तत्वावधान में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का योगदान थीम पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी चल रही थी,जिसका  सोमवार को विधिवत समापन हो गया।मेले में डिजिटल प्रदर्शनी का नेतृत्व कर रहे से सूचना,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के आर्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जगदीपक सिंह ने बताया कि महानिदेशक डाप्त अमित अग्रवाल के निर्देश अनुसार गत 19 मार्च से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला में स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान थीम पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई थी। 17 दिन तक चली प्रदर्शनी में मेला में आए लाखों पर्यटकों ने रुचि लेकर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बारीकी से जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि  प्रदर्शनी के माध्यम से विशेष कर स्कूली विद्यार्थियों को अवगत कराया गया है कि गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत वर्ष को आजादी इनाम में नहीं बल्कि महान देश भक्तों के त्याग,संघर्षों व बलिदान स्वरूप मिली है। प्रदर्शनी के कार्यकारी अधिकारी जगदीपक सिंह ने बताया कि आजादी से जुड़ी  स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं को अभिलेखों के जरिये प्रदर्शित किया गया।
अंत में इतना ही कहा जा सकता है कि युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराने में यह प्रदर्शनी काफी लाभकारी साबित हुई।

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