Front News Today: आरआरटीएस के साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन पर गाज़ियाबाद में रेलवे लाइनों को क्रॉस करने के लिए बनाए गए आरआरटीएस के स्पेशल स्टील स्पैन के पास आज पैकेज1 के आखिरी स्पैन का लॉन्च पूरा कर लिया गया। लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) द्वारा गर्डर का आखिरी सेगमेंट लिफ्ट करके फिट किया गया जिसके साथ ही साहिबाबाद से दुहाई के बीच के प्रायोरिटी सेक्शन तक का वायडक्ट का निर्माण पूरा हो गया। रीजनल रेल के इम्पलिमेन्टेशन की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है।  

प्रोजेक्ट सैन्कशन के बाद प्रायोरिटी सेक्शन का काम जून 2019 में शुरु किया गया था। इस बीच कोविड की 2 लहर के बावजूद महज़ 3 साल के भीतर ही सिविल निर्माण कार्य पूरा होने के करीब पहुँच गया है। इस 17 किलोमीटर के स्ट्रेच में निर्माण कार्य दो पैकेज में किया जा रहा है- साहिबाबाद से गाज़ियाबाद के बीच पैकेज 1 और गाज़ियाबाद से दुहाई के बीच पैकेज 2। पैकेज 1 में अब स्पैन बनाने का कार्य संपन्न हो गया है। सिविल निर्माण कार्य में हुई इस प्रगति के बाद इन दोनों पैकेज में, सिग्नलिंग और टेलीकॉम सिस्टम लगाने के काम की गति तेज़ हो जाएगी।

17 किमी लंबे इस प्राथमिकता खंड पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक कुल 5 स्टेशन, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो, होंगे जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस खंड में ओएचई के लिए रास्ता साफ हो गया है और ट्रैक बिछाने का कार्य इसकी निश्चित समयावधि में हो रहा है।

दुहाई डिपो में में आरआरटीएस ट्रेनों के रखरखाव के लिए स्टेबलिंग और इंसपेक्शन लाइन्स, रोलिंग स्टॉक मेंटिनेंन्स यार्ड का निर्माण भी ट्रैक पर है। यहाँ विभिन्न लैब, सिमुलेशन रूम और प्रशिक्षण के लिए बनाई जा रही अलग-अलग तरह की कक्षाओं से सज्जित आरआरटीएस की प्रशासनिक इमारत का निर्माण भी जारी है। वर्तमान में डिपो के पास ट्रैक बिछाने का काम भी तेज़ी से किया जा रहा है। इस डिपो का निर्माण प्रगति पर है , जहाँ पहला आरआरटीएस ट्रेन सेट के गुजरात के सावली से अगले महीने तक आने की उम्मीद है।

वर्तमान में 82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडॉर पर 23 लॉन्चिंग गैंट्री (तारिणी) लगाई जा चुकी है और जितनी तेज़ी से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है वह अपने आप में देश में किसी भी अर्बन ट्रांसपोर्ट इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए बहुत बड़ी बात है।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन आरंभ कर दिया जाए, जिसे पूरा करने के लिए इस प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर, अधिकारीगण और कर्मचारी रात-दिन काम कर रहे हैं। अपने अथक एवं निरंतर प्रयासों के कारण, एनसीआरटीसी इस प्रोजेक्ट को न केवल अपनी निश्चित समयावधि में बल्कि समय से पहले पूरा करने की ओर अग्रसर है।

एनसीआरटीसी निर्माण की गति को बनाए रखते हुए निर्माण स्थलों में और उसके आसपास प्रदूषण नियंत्रण को लेकर भी बहुत तत्पर है और विभिन्न उपाय कर रहा है। विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम नियमित रूप से इन उपायों की प्रभावशीलता की निगरानी भी कर रही है और जहां भी आवश्यक हो गतिविधियों को तेज कर रही है। निर्माण कार्य पर्याप्त ऊंचाई के बैरिकेडिंग जोन में किया जा रहा है और इन स्थलों पर पूरी तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है। निर्माण की धूल को निपटाने के लिए एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। सभी कच्चे माल, मलबे को उनके चिन्हित स्थलों पर ढंक कर रखा जाता है।

निर्माण स्थलों पर और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति भी एनसीआरटीसी सजग है और न सिर्फ निर्माण स्थल पर कर्मियों की बल्कि उसके आस-पास से गुज़रने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए यथोचित उपाय सुनिश्चित कर रही है। निर्माण स्थल पर कार्यरत मशीनों, सामान, और कार्यों के कारण यह एक दुर्घटना संभावित क्षेत्र होता है। इसीलिए एनसीआरटीसी सुरक्षा के हर संभव उपाय और प्रयास में तत्पर है।

एनसीआरटीसी की योजना है कि अगले वर्ष तक प्रायोरिटी सेक्शन को जनता के लिए खोल दिया जाए तथा पूरे कॉरिडोर को 2025 तक क्रियान्वित कर दिया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here