Front News Today (फरीदाबाद): केंद्र सरकार से मंजूरी मिली तो अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला इस बार 20 मार्च से छह अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। हरियाणा सरकार इसकी तैयारी में जुटी हैं । अब मेले के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार है।

वैश्विक महामारी कोविड से बचाव के मद्देनजर लगी सभी पाबंदियों को हरियाणा सरकार ने हटा लिया है। इसके साथ ही सूरजकुंड मेले के आयोजन को लेकर सरकार सक्रिय हो गई है। हरियाणा सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से इसकी अनुमति मांगी है। क्योंकि सूरजकुंड मेला आयोजन के लिए गठित सूरजकुंड मेला प्राधिकरण में केंद्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय भी शामिल होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की अनुमति के बाद मेले का आयोजन की तैयारी शुरू हो जाएंगी।

बीते 34 वर्ष से प्रत्येक वर्ष एक फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित होने वाले सूरजकुंड मेले का आयोजन बीते वर्ष 2021 और इस वर्ष फरवरी में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आयोजित नहीं किया गया था। अब जब पाबंदिया हटा ली गई हैं तो हरियाणा सरकार 35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के आयोजन को लेकर सक्रिय हो गई है। हरियाणा पर्यटन निगम ने इसे 20 मार्च से छह अप्रैल तक आयोजित करने सुझाव प्राधिकरण को दिया है। केंद्र सरकार की अनुमति के साथ इसके आयोजन की तिथियों में मामूली फेरबदल संभव है। केंद्र सरकार की अनुमति और तिथि तय होने के बाद ही इस अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में विभिन्न प्रदेशों के राष्ट्रीय अवार्ड हासिल कर चुके शिल्पकारों को आमंत्रित किया जाएगा। शिल्पकारों को यहां अपनी कला के प्रदर्शन के साथ मार्केटिंग का मौका भी मिलेगा। एक पखवाड़ा यहां लोगों को विभिन्न प्रदेशों और कई देशों की सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की झलक देखने का मौका मिलेगा।

मेला परिसर में चल रही तैयारी

मेला परिसर में इन दिनों मेला आयोजन की तैयारी चल रही है। कुछ पेंट का काम किया जा रहा है। हट्स बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। जबकि अन्य सिविल वर्क भी पहले ही पूरा कर लिया गया है। अब मेला परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए कम से कम पंद्रह-बीस दिन का समय अवश्य चाहिए। क्योंकि जनवरी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण तैयारिया बीच में रोक दी गई थी। अब एक बार फिर मेला परिसर में लोककलाकारों और हस्तशिल्पियों की धूम मचने की उम्मीद जगी है।

जम्मू-कश्मीर थीम स्टेट और ब्रिटेन भागीदार देश

इस बार जम्मू-कश्मीर को मेले का थीम स्टेट बनाया गया है। जबकि ब्रिटेन को मेले का भागीदार देश तय किया गया है। इसके मद्देनजर मेला परिसर जम्मू-कश्मीर की कला संस्कृति से सराबोर रहेगा। जम्मू-कश्मीर 22 साल बाद एक बार फिर मेले का थीम स्टेट बनाया गया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर वर्ष 2000 में इस मेले का थीम स्टेट बना था। इसलिए मेला परिसर को जम्मू-कश्मीर की लोकसंस्कृति से सरोबार किया जा रहा है। मेले में वर्ष 2000 में बनाए गए जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प मंडप, शिलाएं और शाह हमदान दरगाह की कृतियां का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

30 देशों की मिली सहमति

मेले में विदेशी शिल्पकार और लोककलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है। अभी तक करीब 30 देशों ने मेले में अपने कलाकारों को भेजने पर सहमति दी है। इसमें सार्क देशों और यूरोप व अफ्रीकन देश शामिल हैं। कुछ अन्य देश पहली बार मेले में आएंगे। विभिन्न देशों के करीब तीन सौ हस्तशिल्पी और लोककलाकार मेले में अपनी कला से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। जबकि अपने अलग-अलग राज्यों के करीब दो हजार हस्तशिल्पी और लोककलाकार मेले में धमाल करेंगे।

हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक नीरज कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार सूरजकुंड मेले के आयोजन को लेकर गंभीरता से प्रयास कर रही है। अब केवल केंद्र सरकार की अनुमति की देर है। उम्मीद है 20 मार्च से इसका आयोजन शुरू होगा। एक-दो दिन में तय हो जाएगा।

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