आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग मोबाइल फोन 400 सिम कार्ड तथा ₹60000 नकद बरामद

फरीदाबाद डीपी साइबर जसलीन कौर के दिशा निर्देश तथा एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए साइबर थाना एनआईटी प्रभारी अमित कुमार की टीम ने शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 53 लाख रुपए की ठगी की वारदात में शामिल देने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंकित, शमीम, सौरभ, रोशन तथा दिव्यांशु का नाम शामिल है। आरोपी शमीम तथा सौरभ उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, आरोपी अंकित उत्तराखंड, आरोपी रोशन बिहार तथा आरोपी दिव्यांशु गुजरात का निवासी है। 14 मार्च को साइबर थाने में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति को शेयर मार्केट में मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर अपने झांसे में लेकर उसके साथ-साथ बैठक की वारदात को अंजाम दिया। साइबर अपराधी फर्जी शेयर ट्रेडिंग अप का उपयोग करते हैं और शुरुआत में साइबर अपराधी छोटी इन्वेस्टमेंट करवाते हैं और उसे पर मोटा मुनाफा दिखाते हैं। धीरे-धीरे उसे व्यक्ति को मुनाफा बढ़ता हुआ दिखाई देता है तो वह साइबर अपराधियों पर विश्वास करने लगता है और उसमें बड़ी पूंजी निवेश करता है। इस प्रकार इस मामले में पीड़ित व्यक्ति ने भी शेयर मार्केट में साइबर अपराधियों के बताएं अनुसार 53,15247 रुपए इन्वेस्ट कर दिए। बाद में जब वह व्यक्ति अपने मुनाफे को निकालने की कोशिश करने लगा तो वह अपने पैसे नहीं निकल पाया और इस प्रकार उसके साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस में दी इसके पश्चात आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया जिसमें निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में एएसआई नरेंद्र कुमार नीरज कुमार मुखिया सिपाही राकेश भागीरथ सिपाही संदीप तथा अमित कुमार ने मामले में कार्रवाई करते हुए 19 अप्रैल को आरोपी अंकित को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोपी समीम को दिल्ली सौरभ तथा रोशन को गुड़गांव तथा दिव्यांशु को गुजरात से गिरफ्तार किया गया। मामले में आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग एक मोबाइल फोन, 400 सिम कार्ड तथा ₹60000 नकद बरामद किए गए। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सौरभ आरोपी समीम को सिम कार्ड उपलब्ध करवाता था। यह सिम कार्ड सौरभ से बरामद की गई है। रोशन बैंक खाताधारक है जिसने अपना बैंक खाता खुलवाकर शमीम को दिया था। शमीम ने आगे अकाउंट अंकित को दिया। जिसे आगे यह खाता टोनी नाम के व्यक्ति को दिया जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है। दिव्यांशु भी धोखाधड़ी की वारदातों में टोनी के साथ काम करता है। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपियों को जेल भेजा जाएगा और पुलिस द्वारा मामले में जांच अभी जारी है जिसमें अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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