Front News Today (डॉ. राकेश प्रकाश): बकरीद के मौके पर केरल की ओर से कोविड 19 से जुड़ी पाबंदियों में छूट दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एतराज जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि किस आधार पर केरल सरकार ने यह फैसला लिया है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है। देश के जिन राज्यों में कोविड के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, उनमें महाराष्ट्र और केरल का नाम सबसे ऊपर है। ऐसे में कोविड-19 के नियमों को लागू करने में ढिलाई बरतने का अंजाम बेहद खतरनाक हो सकता है। अभी कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोविड 19 के मामलों को देखते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी। लेकिन केरल ने कोर्ट इस आदेश के बाद भी कोविड 19 से जुड़े नियमों में ढिलाई बरतने का फैसला किया। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस की राज्य इकाई और भारतीय मेडिकल एसोसिएशन ने भी केरल सरकार के इस फैसले को सही नहीं माना है। केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर कोविड 19 के नियमों ढिलाई देते हुए दुकानों और बाजारों को खोलने की अनुमति दी थी। आएमए ने केरल सरकार के इस फैसले को जनहित के खिलाफ बताया है। गौर करने वाली बात है कि केरल में इनदिनों कोविड 19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में नियमों को कड़ाई से लागू करने के बजाए पर्व और त्यौहार के मौके पर नियमों को लागू करने में छूट देना आमलोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है। लिहाजा सरकार को बिना किसी दबाव में आए ऐसे फैसले लेने से बचना चाहिए।

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